Poems Hindi 2020 –
- ये वक्त बड़ा बेदर्द है….
ये वक्त बड़ा बेदर्द है किस वक्त दर्द देगा वो वक्त भी नही बताता
सुबह जगाता है दिन में भगाता है रातो में रुलाता है इतना सताता है किसी से कहूँ या कोई बताएगा मुझे कम्बख्त ये क्या चाहता है
ये वक्त बड़ा बेदर्द है किस वक्त दर्द देगा ये वक्त नही बताता है फस गए हम क्या करे इसके साथ चले इससे दोस्ती करे या फिर इससे लड़े
तभी कहा वक्त के हमसफ़र ने मुझसे की साहब ये वक्त है और कुछ नही थोड़ा वक्त चाहता है
मैने कहा माना कि तेरा वक्त वक्त चाहता है कभी अच्छा तो कभी बुरा आता है मगर ये हमे सोने भी नही देता और सपने बड़े दिखाता है
ये वक्त बड़ा बेदर्द है किस वक्त दर्द देगा वो वक्त भी नही बताता
इसे तक तक के आंखे थक थक सी गयी है
कब गुजरेगा बड़ा चालॉक है हमे सुलाकर खूद गुज़र जाता है
ये वक्त बड़ा बेदर्द है किस वक्त दर्द देगा ये वक्त भी नही बताता है
Poem hindi
किस बात का गुरुर है उनको जो अपने आप मे चलते फिरतेहै अपने ही अंदाज में इतना उछलते है उन्हें बता दू साहब ये दुनिया देखती भी उनको है जो नग्घे फिरते है
दुसरो पे हसने वालो कभी खुद पर हसके देखो बस यूं बैठ कर तमाशा मत देखो वो तो बन्दर है उछलता था उछलता है उछलता ही रहेगा
कभी तुम भी रस्सी पर चल कर देखो
अनजाने में अगर अनजाने से आंख लड़जाये तो वो इश्क़ है
जरा संभल कर करना इसमें बड़ी रिस्क है
कुछ लोग तो आजमाते ही नही ईसे की कहि मर ना जाये ..
कौन बताये इसमें जान दो है मगर जिस्म एक
2 .ना धुंआ होगा ना जाम होगा …
ना धुंआ होगा ना जाम होगा जब वो आएगी मुझसे मिलने तो आसमान में ऐलान होगा
कड़केगी बिजली बरसेगें बादल क्योंकि इजहार इश्क़ का उस दिन सरे आम होगा
3 .वो चाँद ही नही जिसमे तेरा चेहरा ना हो …
की वो चाँद ही नही जिसमे तेरा चेहरा ना हो वो गली ही नही जिसमे आशिको का पहरा ना हो
मैं अपने दुश्मनों को भी जंग के बाद गले लगाता हूँ
तेरी बेवफाई का घाव कहि इससे गहरा ना हो
New poem
4 .तेरे जाने से पहले कसकर गले लगाना है तुझे
तेरे जाने से पहले कसकर गले लगाना है तुझे …..
मेरे ख्वाहिश पर शक मत करना बड़े अरसे से बाहर खड़ा था
अब मंदिर अंदर आना है मुझे
तुम जिसके हो उसका किसी और का होना ……..
बहुत बाकी है खाली बोतल से मोहब्बत होना
मजबूरियों में अपने सपने खोने पड़ते है आशा नही होता घर का बड़े बेटा होना
5 .मोहब्बत में मोहब्बत से मोहब्बत होनी चाहिए
मोहब्बत में मोहब्बत से मोहब्बत होनी चाहिए …
वफ़ा की जिस्म से तौला है तुमने अपने होठों से कुछ हो न हो सजा ये मौत होने चाहिए ।
मेरी आँखों में कितने समंदर बसे
दिल कहता है मैन खंजर सहे मैने मेरे पैरों से पूछे कोई तेरे रास्तो से कितने है कांटे चुभे
इन हवाओं से एक शिकायत सी है तुझे छूकर ये मुझपर आती क्यों नही
लोग कहते है कि तू है जा चुकी तेरी ख्वाहिश इस दिल क्यों जाती नही
हम मिलेंगे है इसका भरोसा मुझे चाहे लड़ना पड़े इस जहा से मिझे बदलूंगा हाँथो की लकीरो को मैं
चाहे लेने पड़े छः जन्म और मुझे …
6 .दावते कई मिली है हमे…
दावते कई मिली है हमे गैर मन के हमे वहा जाना नही
जो औरो का होकर हमसे मीले वो औरो का होगा हमारा नही
यू जिस्मो की चाह से ना तौलो हमे …
उसको चहरे से नीचे कभी देखा नही
क्यो कहते हो मिझको तुम हारा हुआ ये मिलकियत का खेल हमने खेल हमने खेला नही
7.मेरे अपने कांटे बोएंगे ...
मेरे अपने कांटे बोएंगे मैं नग्घे पाव खुद जाऊंगा
तेरे अपने तुझे छुपा लेंगे मैं खूब शोर मचाऊंगा ये लोग जीने देंगे नही
सपनो का जीवन कैसे पाऊंगा तुम स्वर्ग से मुझको प्यार भेजना मैं जन्नत से इश्क़ लुटाऊंगा
जीते जी हम मिल ना सके मैं मर कर भी तुमको चाहूंगा
मोहब्बत मिली किसी और को हमको तो केवल दिलासा मिला
आंखों से नमक बहा रात भर.. सुबह होकर भी हमको न सूरज मिला
लोगो ने मसाले मले जख्म पर...
लोगो ने मसाले मले जख्म पर तेरी आँखों से एक बार भी आंसू न गिरा
जो पत्थर हमपे उछाले गए उन पत्थरो पर था नाम तेरा लिखा
बड़ी शिद्दत से हमको सताया गया हमारी बर्बादी का जश्न मनाया गया भीन भिनाते जुगुनू हूँ ये मान लो
मैं मंदिर का दीपक हूँ ये जान लो कल सुबह फिर से जरूँगा मैं
रात भर की महोलत है मजे मार लो
Gajal ser and shayari
वो मेरी चलती रहम है गमो के कांटे बिछा कर गयी है …
की वो मेरी चलती रहम है गमो के कांटे बिछा कर गयी है इश्क़ मत करना धोखा है सीखा कर गयी है
आज मैंने किसी के घर पर फिर वही चाँद देखा ..
आज मैंने किसी के घर पर फिर वही चाँद देखा कहता था कि मैं डरता हूँ और अंधेरे में निकलकर देखा
जब मैंने उससे मिलने उसकी दहलीज पर गया तब पड़ोसियों ने कहा कि मैने निकलते हुए देखा है उसे आज कल उसको
और मैं मन्दिर मन्दिर दिए जला रहा था पाने को उसे
“खुदा ने कहा कुछ नही मिलेगा मैने भेजा है किसी और का दुल्हन बनाने को उसे ..:
मैने मेरे दिल मे कुछ खिलौने रखें थे प्यार के ..
मैने मेरे दिल मे कुछ खिलौने रखें थे प्यार के और खेलकर चली गयी जैसे हो उसके
और ये अलग मुझे तुझसे इश्क़ है अगर हो तुझे भी खेलते रह जिंदगी भर उससे
जो ठुकरा रहा है ठुकराने दो उसको आज पता कल आने तो दो और मेरी हाथो की लकीरें मुझसे जवाब मांग रही है की तकदीर बना दू
मैने कहा अभी नही अभी मैं उसके घर जाता हूँ उसको घर आने दो
“”:जो कह रहा है वो देख तेरे से आगे निकल गया “अरे उसे किस्मत मिली है मुझे किस्मत तो बनाने दो ..:””
जिंदगी क्या है तू मुझे मत सिखा मुझे मालूम है लगी हुई आग तेरी है मुझे बुझाने तो दो और जो कहते थे कि हम तेरे है तेरे ही रहेंगे उसी ने कहा बहोत हसा लिया अब जरा रुलाने तो दो
और तुम मेरी मोहब्बत को मतलबी मत समझो उसने मुझे समझने के लिये दिमाग लगाया है उसे दिल लगाने तो दो
Love poem in hindi
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