Sad poetry in hindi
Poem in hindi 2020. New sad poem .Poetry .Hindi shayari sms 2020
कैसे भूल जाऊ उन रातो को
कैसे भूल जाऊ उन रातो को तेरे साथ रहने का सच्चा ख्वाब सजाया था
और दिल से तो छोड़ मेरी जान तुझे मैंने रूह से चाहा था
तुझे डर था लड़के जिस्म से मोहब्बत करते है
पर सच बता क्या तुमने कभी बन्द कमरे में हाथ लगाया था
तूने मुझे बेवफा कैसे कह दिया
तूने मुझे बेवफा कैसे कह दिया कभी खुद से पूछ क्या तूने वो रिस्ता दिल से निभाया था
अगर दिल निभाया था तो तेरा नम्बर रात रात भर ब्यस्त कैसे आया था
कैसे भूल जाऊ मैं उन रातो को
जब तूने सात ब्याह रचाने का ख्याब दिखाया था
वो बालो में हाथ घुमाकर मुझे चैन की नींद सुलाया था
और लेकर नाम इश्क का धोखे का जाम पिलाया था
सच बता मेरी जान ये फरेबी इश्क कितनो के साथ निभाया था
और कैसे भूल जाऊँ मैं उन बातों को
कैसे भूल जाऊँ मैं उन बातों को
जब माँ की अंगूठी बेचकर तुम्हे मॉल घुमाया था
और तेरे एक कहने पर मैंने बचपन वाला यार भुलाया था
तूने हाथ थामकर उसी का उसे ही अपना सच्चा प्यार बताया था
सच बता मेरी जान
सच बता मेरी जान वही तेरा सच्चा प्यार था की उसे भी छोड़ कर नया यार बनाया था
सच बताना तुझे मुझसे मोहब्बत थी या कोई ग्रीष्म गलिम अवकाश बिताया था
सच बताना इश्क के नाम पर तूने कितनो को खेल खेलाया था
सच बताना मेरी तूने अपने जिस्म के गर्मी से कितनो का जिस्म गरमाया था
इश्क की बंजर जमीन पर एक फुल मैं भी खिला सकता हूँ
इश्क की बंजर जमीन पर एक फुल मैं भी खिला सकता हूँ
और हाथों में हाथ थाम गैर का मैं भी खूब घुमा सकता हूँ
और सुक्र कर तुझे मोहब्बत मानता हूँ
वरना तुझ जैसे छत्तीसो को अवकात दिखाना जनता हूँ ।
Sad poem
हमे मोहब्बत थी उसी से हम इजहार न कर पाए
हमारी तमन्ना थी गुप्त गू की हम गुप्त गु कर ना पाए
वो रब की दुआ थी हम दुआ में दुआ कैसे मांगते
मोहब्बत रूह है जिस्म से नही वो रुक्सत हो गयी हम कह ना पाए
हाल गम थी इन आँखों में
हाल गम थी इन आँखों में आंखे ना पड़ सके तुम
दर्दे दिल था मेरे लफ्जो में लफ्ज ना समझ सके तुम
उस दौरे इश्क में तुम मेरी मोहब्बत की किताब थे तुम
तो मुझे क्या समझते जो खुद को ना पड़ सके तुम
Sad poem in hindi 2020
2 Comments
Sk · March 8, 2020 at 7:07 am
Super
Askfilter · March 24, 2020 at 3:45 pm
Super shayari