Love poems hindi me
जो मुरझा जाए फूल इक दफा ।।
जो मुरझा जाए फूल इक दफा तो लाख पानी डालने पर कहा खिलता है ये जिस्म बॉटने वाले तो हर गली और चौराहे पर है कोई ये बताओ ये दुख और दर्द बॉटने वाला कहा मिलता है
बाते अब जो प्यार से नही होती बता कोई रुसवाई है क्या ।।
बाते अब जो प्यार से नही होती बता कोई रुसवाई है क्या . एक के बाद एक दिल पर जख्म दिए जा रहा तो सुन तू कोई कसाई है क्या
बस पल दो पल नही हर साथ साथ चलूंगी …
बस पल दो पल नही हर साथ साथ चलूंगी मैं रौशनी की कुछ खास चाह नही मुझे हर अँधेयार साथ चलूंगी मैं कोई दरिया जो मिल गया तो ठीक है वर्ना हर प्यास साथ चलूंगी मै
रास्ते लम्बे तय करने हैं ना तुझे ….
रास्ते लम्बे तय करने हैं ना तुझे हो मुस्किल या आसान साथ चलूंगी मै जन्नत तो देखली मैने जो देखनी थी अब हर समशान साथ चलूंगी मैं
विदेश के सपने मैंने देखकर छोड़ दिया जाना ।।
विदेश के सपने मैंने देखकर छोड़ दिया जाना तेरा घर है ना वहाँ तो ठीक है प्रयागराज साथ चलूंगी मैं तू खुशियॉ दे देना तोड़ी सी हमे फिर देखना हर वनवास साथ चलूंगी मैं
बस पल दो पल नही हर साथ साथ चलूंगी मै
इक वक्त था …इक वक्त था जब लगता था तेरे होने से हर रात सुहानी पर अब तू जरा ठहर तुझे तेरी औकात दिखानी है वफादार बना बैठा है तू दुनिया की नजरों में पर अब मैने भी
हर महफिल में तेरी ही बेवफाई सुनानी है की तू जरा ठहर तुझे तेरी औकात दिखानी है तू रखना अपनी अकड़ तराजू के पलड़े पर दूसरे पर मै अपनी मेहनत रख दूँगी
क्यू की जो तेरी दो कौड़ी की अकड़ है ना अभी मिट्टी में मिलानी है
की तू जरा ठहर तुझे तेरी औकात दिखानी है तुझे अब भी लगता है की तुझपे मरती हूँ मैं अब दिल से नही जाना दिमाग से फैसले करती हूं मैं
बहोत सी गलत फैमिया जो दूर करनी है बहोत सी बातें हैं जो तुझे समझानी है की तू जरा ठहर तुझे तेरी औकात दिखानी है
अब मुझे फरक नही पड़ता …
की अब मुझे फरक नही पड़ता तू कसम खा या जहर तेरी सेहत की चिंता होती थी मुझे अब वो बात बित जाना बहोत पुरानी है कि तू जरा ठहर तुझे तेरी औकात दिखानी है
अब देख तुझे औरो कि बाहो में दिल मेरा रोता नही है ..
अब देख तुझे औरो कि बाहो में दिल मेरा रोता नही है अब चिंता नही मुझे की क्यू तू चैन से सोता नही है क्युकी इन सब चीजों से ऊपर उठ चुकी हूँ मै तेरी जगह अपनी कलम को चुन चुकी हूँ मै और अब इस कलम से मुझे मेरी इक पहचान बनानी है की तू जरा ठहर तुझे तेरी औकात दिखानी है
Ser and love shayari in hindi
तेरे इन्तजार में मेरे सभ्य का धागा ना झूट जाए ।।
तेरे इन्तजार में मेरे सभ्य का धागा ना झूट जाए और तब तुम मत आना जब सास ही छूट जाए मत पूछ अजनबी इस दिल को दुखाने वाले का नाम बड़ा दुखता है ये दिल जब लेता है उसका नाम
की अब तक इन निगाहों को कोई भाया नही ..
अब तक इन निगाहों को कोई भाया ही नही जो भाया वो हमारा हुआ भी नही और हर बार तो कह चुकी थी उसकी बेरुखी उन्हें हमसे मोहब्बत ही नही फिर भी हमको उन्ही से मोहब्बत और दिल तो हमारा भी कह चुका था तुम इस मोहब्बत के काबिल नही फिर भी हमे जिद थी तुम्ही से दिल लगाने की
कितना अजब सा मंजर था मेरी जिंदगी के सफर का ।
कितना अजब सा मंजर था मेरी जिंदगी के सफर का मुझे वहां ठहरने का इरादा था जहा मंजिल करीब नही
प्यार में मिली एक Bewfa से सौगात लिखनी है …
प्यार में मिली एक बेवफा से सौगात लिखनी है जिन लोगो के दिलो में भी दिमाग है मुझे उनकी औकात लिखनी है
अब किस दील से तुझे बद्दुआ दू ।
अब किस दील से तुझे बद्दुआ दू दिल मे भी तू है सब नफरत में भी शामिल हो गया ।
अरे कुछ तो शर्म कर कितना भरोशा करती है ।।
अरे कुछ तो शर्म कर कितना भरोशा करती है तुझपे तू अपने मतलब के लिए क्या किसी से बात कर लेगा
खुद से नजर ना मिला पाऊँ ।।
खुद से नजर ना मिला पाऊँ कुछ ऐसा कायर बना दिया और घर वालो से इतना झूठ बोल की लायर बना दिया आज मैं यहा हूँ तेरी इश्क की वजह से कंबख्त तेरी इश्क़ ने शायर बना दिया
वो फिर एक बार गहेरो की इश्क़ में ढल रहा है ..
वो फिर एक बार गहेरो की इश्क़ में ढल रहा है ये तो पुरानी आदत है कौन कहता है बदल रहा है सदमा सा लगा है मुझे लगता है फिर कुछ जल रहा है बे इंतहा इश्क़ है मुझसे ऐसा हमारा गुजरा कल रहा है
Hindi shayari Love poems
कुछ सवाल पूछ लू क्या उससे ।।
कुछ सवाल पूछ लू क्या मैं उससे खैर छोड़ो कहानी बताएगा सौ कसमे खायेगा मुझे लगेगा फिर सम्भल रहा है
और मुखे लगेगा फिर सम्भल रहा है मगर निहायती बेशर्म है देखो झूठ बोलकर कैसे उछल रहा है रँगे हाथ पकड़ा है मैंने जहा जहा तेरा इश्क़ चल रहा है
तेरे बदलते रंग ना समझू इतनी जाहिल नही हूँ मैं होगा गुरुर तेरे इश्क़ की दरिया पर तेरे दरिया का शाहिल नही हूँ मैं
माना हजार है आशिक है तेरे ।।
माना हजार है आशिक है तेरे पर उन हजारो में शामिल नही हूँ मैं तेरी दिखाई उस झूठ दुनिया की तरह Badhu..
इतनी आमिल नही हूँ मैं और क्या अफवाह उड़ाई है तूने की क्या तेरे काबिल नही हूँ मैं मेरी कदर उनसे पूछ जिन्हें हासिल नही हूँ मै
नींद तो आतीं है लेकिन रातो में अब ओ बात नही तू उम्र भर चाहेगा ऐसे मेरे ख्यालात नही और फिर बह जाऊँ मैं तेरे जजबातो में अब ऐसे मेरे ख्यालात नही ।।
पोछे थे आंसू जिससे …
पोछे थे आंसू जिससे तूने वो रुमाल आज भी मेरे पास है लाख shayari लिख लू तेरे लिए बेवफाई की लेकिन सच मान जाना तू आज भी उतना खास है
तू याद करता है ना जाने क्यों ये एहसास है उतार फेक ये नफरत का जो तूने पहना लिवाज है झुक रही हूँ शायरी के जरिये ।
झुक रही हूँ शायरी के जरिये मगर ये मत भूल तेरे सारे दिए हुए जख्मो का हिसाब है
लहजा बदला है मैंने लेकिन आज भी फितरत खुली किताब है रंगे इश्क़ चार दिन का हैं और तू गलत फैमि में जी रहा है की उत्ता उम्र सवाब है
उसने भी क्या खूब वफ़ा निभाई है ।।
उसने भी क्या खूब वफ़ा निभाई है शादी में अपने मेरे इन हाथो से मेहंदी लगवायी है दर्द बहोत था सीने में मैने भी उस दिन सबको झूठी मुशकुराहट दिखाई है हा मैंने उसकी दुल्हन अपने हाँथो से सजाई है
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